विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जी-20 देशों के विदेश और विकास मंत्रियों की बैठक में समकालीन चुनौतियों पर विचार साझा किये।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कल इटली के माटेरा में जी-20 देशों के विदेश और विकास मंत्रियों की बैठक में समकालीन चुनौतियों पर विचार साझा किये। उन्‍होंने कहा कि कोविड का  विश्‍व में गरीबी, भुखमरी और बीमारियों से निपटने में काफी असर पडा है। इससे वैश्‍विक विकास एजेंडा पीछे चला गया है और कई क्षेत्रों में संवेदनशीलता बढ गई है।

डॉक्‍टर जयशंकर ने कहा कि भारत आज सभी प्रकार के गतिविधियों में अग्रिम पंक्ति में है, और 80 करोड नागरिकों को खाद्यान्‍न उपलब्‍ध करा रहा है। उन्‍होंने कहा कि आजीविका, स्‍वास्‍थ्‍य, डिजिटल पहुंच और जलवायु संबंधी कार्य अब नई विकास प्राथमिकताएं बननी चाहिए।
विदेश मंत्री ने खाद्य सुरक्षा को महत्‍व देने के लिए इटली की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि माटेरा घोषणा पत्र से लघु और मध्‍यम किसानों के कल्‍याण के प्रति भारत की चिंता का पता चलता है। लघु और मध्‍यम दर्जे के किसान स्‍थानीय खाद्य संस्‍कृति को बढावा दे रहे हैं और कृषि विविधिता को स्‍वीकार कर रहे हैं। डॉक्‍टर जयशंकर ने बैठक से हटकर 12 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किया। अमरीका के विदेश मंत्री एन्‍टनी ब्‍लिंकेन के साथ बैठक में उन्‍होंने हिन्‍द प्रशांत और अफगानिस्‍तान की स्थिति पर चर्चा की।

विदेश मंत्री ने फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ली द्रियान के साथ सकारात्‍मक बैठक की। डॉक्‍टर जयशंकर ने जी-20 सत्र में अफ्रीका के बारे में भी बात की। उन्‍होंने ग्‍लोबल साउथ के साथ भारत की एकजुटता और अफ्रीकी प्राथमिकताओं को सम्‍मान देने को महत्‍व दिया। उन्‍होंने कहा कि भारत स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा और क्षमता निर्माण में डिजिटल सहयोग बढायेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत कोविड के विपरीत असर पर कार्रवाई करते हुए स्‍वास्‍थ्‍य और खाद्य सुरक्षा के बारे में मिलकर कार्य करेगा। उन्‍होंने कहा कि भारत की विकास परियोजनाएं विशेष रूप से बिजली, जल, कृष‍ि और सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित परियोजनाएं जारी रहेंगी।

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