जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने स्पष्ट किया है कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर पार्टी में कोई असहमति नहीं है। उन्होंने रविवार को पटना में पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि इस अधिनियम में यह पहला संशोधन नहीं है, इससे पूर्व भी इसमें परिवर्तन किए जा चुके हैं।
झा ने बताया कि संशोधन का प्रमुख उद्देश्य गरीब मुस्लिम समुदाय, विशेषकर पसमांदा वर्ग और महिलाओं को वक्फ संपत्तियों का अधिक लाभ सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, “इस विधेयक से पूरी पारदर्शिता आएगी और संसाधनों का उपयोग उचित स्थानों पर होगा।”
बिहार के संदर्भ में, उन्होंने तथ्य प्रस्तुत किया कि राज्य में पसमांदा मुस्लिम समुदाय की संख्या अधिक है, परंतु वक्फ संपत्तियों से उनके लिए अस्पताल या विद्यालय जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं का निर्माण नहीं हुआ है। झा ने जोर देकर कहा कि नए संशोधन से इन समुदायों को अधिक लाभ प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि 2005 से पूर्व पंचायत चुनावों में आरक्षण नहीं था, परंतु नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह व्यवस्था लागू की गई। इसके परिणामस्वरूप पसमांदा समुदाय के प्रतिनिधि अब पंचायती राज संस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
विपक्ष पर टिप्पणी करते हुए संजय झा ने कहा कि भागलपुर दंगों के पीड़ितों को न्याय केवल नीतीश कुमार के शासनकाल में ही मिला, जबकि कांग्रेस के समय में यह संभव नहीं हुआ। उन्होंने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए पूछा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद में उन्होंने क्यों नहीं बोला, और उनकी बिहार यात्रा को “पिकनिक” की संज्ञा दी।
उन्होंने अंत में नीतीश कुमार के प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में बिहार में एक बार भी कर्फ्यू लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।