संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और अन्‍य मुद्दों के कारण बाधित

कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस और अन्‍य विपक्षी दलों के सदस्‍यों के विरोध और नारेबाजी की वजह से सदन की कार्यवाही मॉनसून सत्र के नौंवे दिन भी बाधित हुई।

पहले स्‍थगन के बाद लोकसभा की बैठक फिर शुरू होने पर विपक्षी दलों के सदस्‍य अपने मुद्दों को लेकर सदन के बीचोंबीच आ गये। पीठासीन अधिकारी ने बार बार सदस्‍यों से अपनी सीटों पर बैठने को कहा, लेकिन वे नहीं माने। उन्‍होंने सदस्‍यों से सदन का कामकाज होने देने का आग्रह किया, क्‍योंकि कोविड महामारी और कार्यसूची में शामिल कई महत्‍वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा कराई जानी है।

इससे पहले, 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विपक्षी सदस्‍य मॉनसून सत्र के शुरू होने के पहले दिन से ही पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और कोविड जैसे महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं। उन्‍होंने सरकार पर अडियल रूख अपनाने और चर्चा से भागने का आरोप लगाया।

इससे पहले, प्रश्‍नकाल के दौरान संसदीय कार्यमंत्री प्रल्‍हाद जोशी ने विपक्ष के रवैये को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया। उन्‍होंने कहा कि विपक्ष, कार्यमंत्रणा समिति में किये गये अपने वायदे और प्रतिबद्धता का पालन नहीं कर रहा है।

राज्‍यसभा में भी कुछ ऐसी ही स्थिति रही। पहले स्‍थगन के बाद सदन की बैठक फिर शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने प्रश्‍नकाल चलाने का प्रयास किया, लेकिन विपक्षी सदस्‍य पेगासस जासूसी, कृषि कानूनों और अन्‍य मुद्दों को लेकर सदन के बीचोंबीच आ गये और नारेबाजी करने लगे। हालांकि प्रश्‍नकाल थोड़ी ही देर चल सका। शोर-शराबे में कुछ भी सुनाई नहीं दिया। हंगामा जारी रहने पर उपसभापति ने सदन की कार्यवाही ढाई बजे तक स्‍थगित कर दी।

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