संसद ने चिकित्सीय गर्भपात संबंधी विधेयक को पारित किया; इसमें अधिकतम 24 सप्तााह तक गर्भपात की अनुमति

संसद ने चिकित्‍सकीय गर्भपात संबंधी संशोधन विधेयक 2020 पारित कर दिया है। राज्‍यसभा ने आज इसे मंजूरी दी। लोकसभा पिछले वर्ष मार्च में इसे पारित कर चुकी है। इस विधेयक में 24 सप्‍ताह तक के भ्रूण के गर्भपात के अनुमति दी गई है। इसमें महिला की निजता का सम्‍मान करने और प्रक्रिया की गोपनीयता सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने कहा कि इस विधेयक में महिला की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। उन्‍होंने कहा कि सभी हितधारकों के साथ व्‍यापक विचार-विमर्श के बाद यह विधेयक लाया गया है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने इसे प्रगतिशील बताते हुए कहा कि यह महिलाओं की गरीमा की रक्षा के लिए है।

उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार ने स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्‍होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में एम बी बी एस सीटों की संख्‍या बढाकर अस्‍सी हजार कर दी गई है जो 2014 में पचास हजार थी। कांग्रेस की अमी याग्निक और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के विनय विस्‍वम ने भी विधेयक पर अपने विचार व्‍यक्‍त किए।

सदन में विधेयक पारित किए जाने से पहले, विपक्षी नेताओं के संशोधन नामंजूर कर दिए गए। विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की विपक्ष की मांग भी ध्‍वनिमत से नामंजूर कर दी गई।

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