सरसंघचालक प्रमुख मोहन भागवत ने आज आरक्षण और अखंड भारत के मुद्दे पर एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है। मोहन भागवत ने कहा, “हमने अपने ही साथ के मनुष्यों को सामाजिक व्यवस्था में पीछे रखा। हमने उनकी परवाह नहीं की और यह लगभग 2,000 वर्षों तक जारी रहा…यह तब जारी रहना चाहिए जब तक हम उन्हें समानता प्रदान नहीं करते देते हैं ” कुछ विशेष उपाय करने होंगे। जब तक ऐसा भेदभाव है तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।
सरसंघचालक भागवत ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी के बुजुर्ग होने से पहले ही अखंड भारत हकीकत बन जाएगा। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में एक विद्यार्थी के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि लेकिन वह सटीक समय नहीं बता सकते कि अखंड भारत कब अस्तित्व में आयेगा।
सरसंघचालक ने कहा, लेकिन यदि आप इस दिशा में काम करते रहेंगे तो आप बुजुर्ग होने से पहले इसे साकार होते हुए देखेंगे। चूंकि स्थितियां ऐसी बन रही हैं कि जो लोग भारत से अलग हुए, वे महसूस करते हैं कि उन्होंने गलती की। वे महसूस करते हैं कि हमें एक बार फिर भारत बन जाना चाहिए। वे सोचते हैं कि भारत का हिस्सा बनने के लिए उन्हें मानचित्र पर खींची गयी रेखा मिटाने की जरूरत है।