सरकार और किसानों के बीच नई दिल्‍ली में चौथे दौर की बातचीत समाप्‍त। अगली वार्ता शनिवार को

सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच चौथे दौर की वार्ता खत्‍म हो गई है। आज नई दिल्‍ली में यह बैठक लगभग सात घंटे तक चली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्‍व किया। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आश्‍वासन दिया कि सरकार किसानों से जुड़े सभी मुददों और उनकी चिंताओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। श्री तोमर ने कहा कि बैठक बहुत ही सकारात्‍मक माहौल में हुई। उन्‍होंने कहा कि किसान इस बात को लेकर चिन्तित हैं कि नये कृषि कानूनों से कृषि उत्‍पाद विपणन समितियां खत्‍म हो जायेंगी। श्री तोमर ने कहा कि सरकार इन समितियों को और सशक्‍त बनाने की कोशिश करेगी ताकि इनका और अधिक इस्‍तेमाल हो सके। उन्‍होंने कहा कि सरकार इस बात का आश्‍वासन देती है कि न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की व्‍यवस्‍था जारी रहेगी। इसके अलावा विवाद निपटारा प्रणाली को लेकर किसान की चिन्‍ताओं तथा इसके लिए दीवानी अदालतों तक पहुंच की उनकी मांग पर भी सरकार गंभीरता से विचार के लिए तैया है।

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार को किसी तरह का अहंकार नहीं है और वह किसानों के साथ खुले मन से बातचीत कर रही है। बैठक में बिजली सब्सिडी और पराली जलाने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

श्री तोमर ने कहा कि बातचीत का अगला दौर शनिवार को होगा। कृषि मंत्री ने किसानों से अपना आंदोलन समाप्‍त करने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य समाप्‍त नहीं किया जायेगा।

आज की बैठक में 32 किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच तीसरे दौर की बातचीत बिना किसी नतीजे के खत्‍म हो गई थी।

कृषि मंत्री ने जोर देकर कहा है कि सरकार किसानों के कल्‍याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व वाली सरकार में कृषि क्षेत्र के विकास को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी गई है। उन्‍होंने दोहराया कि नये कृषि सुधार कानून किसानों के हितों को ध्‍यान में रखते हुए लाए गये हैं।

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