सरकार ने देश में कोविड महामारी की स्थिति से उत्पन्न महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों की बढ़ती मांग के बीच इसके आयात की प्रकिया पूरी कर ली है। केंद्र सरकार ने कोविड मरीजों को राहत देने के लिए आयातकों को आवश्यक 17 चिकित्सा उपकरणों के आयात की अनुमति दे दी है।
आयात और सीमा शुल्क संबंधी मंजूरी के लिए छूट दी गई है। नये प्रावधानों के अंतर्गत सीमा शुल्क से त्वरित मंजूरी के बाद आयातकों को अनिवार्य रूप से घोषणा पत्र देना होगा। ऐसा करने पर प्रक्रियात्मक कारणों से आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की ढुलाई में होने वाली देरी से बचा जा सकेगा।
उपभोक्ता कार्य विभाग ने कल इस संबंध में आदेश जारी किया जो तीन महीने तक लागू रहेगा। नेबुलाइजर्स, ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर, सीपीऐपी और बीआईपीएपी, वैकुअम प्रेशर स्विंग एडजोपर्शन, ऑक्सीजन प्लांट, क्रायोजेनिक ऑक्सीजन एयर सेपेरेशन यूनिट के आयात की अनुमति दी गई है। इसके अलावा ऑक्सीजन कनस्तर, ऑक्सीजन फिलिंग प्रणाली और क्रायोजेनिक सिलेंडरों तथा वेंटीलेटरों सहित ऑक्सीजन सिलेंडर के आयात की भी अनुमति दी गई है।
विभाग ने निर्देश दिया है कि आयातक राज्य के अधिकारियों को आयात करने वाले ऐसे सभी उपकरणों के बारे में सूचित करेंगे। विभाग ने कहा है कि चिकित्सा उपकरणों की बढ़ती मांग से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए आपात स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सा उद्योग को इन उपकरणों की तत्काल आपूर्ति करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोविड की स्थिति से निपटने के लिए सेना की तैयारियों और पहलों की आज समीक्षा की। प्रधानमंत्री और सेनाध्यक्ष एम.एम. नरवणे ने कोविड प्रबंधन में मदद के लिए सेना की विभिन्न पहलों और उपायों पर विचार-विमर्श किया।
सेना प्रमुख नरवणे ने प्रधानमंत्री को बताया कि सेना ने अपने चिकित्सा कर्मचारियों को राज्य सरकारों की सेवा में तैनात किया है। उन्होंने कहा कि सेना देश के विभिन्न भागों में अस्थायी अस्पताल बना रही है। सेनाध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि सेना अपने अस्पतालों को नागरिकों के लिए भी खोल रही है। उन्होंने कहा कि सेना उन स्थानों पर आयातित ऑक्सीजन टैंकरों और वाहनों के लिए जनशक्ति के साथ मदद कर रही है जहां उनके प्रबंधन के लिए विशेष कौशल की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में कोविड-19 की स्थिति के बारे में कल सवेरे ग्यारह बजे मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे