उच्चतम न्यायालय ने आज पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को रोड रेज के मामले में एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। वर्ष 1988 में रोड रेज की घटना में पटियाला के गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए के अंतर्गत गैर इरादतन हत्या के आरोप की याचिका खारिज कर दी।
उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू को बरी करने के अपने मई 2018 के आदेश की समीक्षा की अनुमति दी थी।
इस आदेश के अनुसार पंजाब पुलिस सिद्धू को हिरासत में लेगी। सिद्धू को पहले एक हजार रुपये के जुर्माने के साथ छोड़ दिया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने 15 मई 2018 को सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराने वाले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया था। उच्च न्यायालय ने इस मामले में सिद्धू को तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने सिद्धू को एक वरिष्ठ नागरिक को चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया था। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें जेल की सजा से छूट देकर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।