सोशल मीडिया पर बिहारी मजदूरों का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें मजदूर पटना पहुंचने के बाद मीडिया से बातचीत करते दिख रहे हैं। मजदूर कह रहे हैं कि हिंदी बोलते ही पिटाई शुरू की जाती है। वहां के लोग बिहारी मजदूरों की जगह अपने स्थानीय लोगों को रोजगार में तरजीह देने की बात कर रहे हैं।
पटना स्टेशन पर मीडिया से बात करते हुए कई मजदूरों ने कहा कि आधार कार्ड देखकर पिटाई की जा रही है। मजदूरों ने कहा कि जो वहां की भाषा जानता है उसे कुछ नहीं हो रहा है। जैसे ही हमलोगों ने हिंदी बोलने की कोशिश की पिटाई शुरू हो गई। हालात बहुत खराब हैं। वहीं मामले को लेकर बिहार में राजनीति शुरू हो गई है। बिहार विधानसभा में हंगामे के अलावा सभी राजनेताओं की ओर से बयानबाजी शुरू हो गई है।
तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमलों की खबरों पर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को मामले को देखने का निर्देश दे दिया है। वहीं विपक्षी भाजपा ने उपमुख्यमंत्री के दक्षिणी राज्य के दौरे की आलोचना की। नीतीश ने ट्वीट कर कहा कि मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है।
मैंने बिहार के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों से बात कर वहां रह रहे प्रदेश के श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसके तुरंत बाद हालांकि बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि तमिलनाडु में पुलिस द्वारा रिपोर्टों को भ्रामक और अफवाह करार देते हुए कहा है कि सभी हिंदी भाषी लोग उस राज्य में सुरक्षित हैं।