कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा है। 26 जुलाई को 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर पीएम मोदी सुबह करीब 9:20 बजे कारगिल युद्ध स्मारक जाएंगे और सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि देंगे। इस दौरान पीएम शिंकुन ला सुरंग परियोजना का शिलान्यास करेंगे।
शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा, ताकि लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके। पूरा होने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी, बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।
सर्वोच्च बलिदान करने वाले सैनिकों की स्मृति में स्थापित किया था ‘कारगिल युद्ध स्मारक’
इस युद्ध में मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान करने वालों की स्मृति में कारगिल युद्ध स्मारक की स्थापना की गई है। यह द्रास में है। खास बात यह है कि इस स्मारक में पाकिस्तान की सेना के बंकर भी हैं। देश के सबसे ठंडे इलाके में स्थापित इस स्मारक पर जाना किसी के लिए भी शानदार अनुभव हो सकता है। द्रास वह इलाका है, जहां सर्दियों में तापमान-35 डिग्री सेल्सियस हो जाता है और कभी-कभी तो इससे भी कम।
500 से ज्यादा भारतीय सैनिकों को समर्पित है यह स्मारक
यह स्मारक युद्ध में वीरगति को प्राप्त 500 से ज्यादा भारतीय सैनिकों को समर्पित है। यहां ऊंची पर्वतीय चोटियों की पृष्ठभूमि में मुख्य श्रद्धांजलि स्थल पर हमेशा चलते रहने वाली तेज हवा से ऊंचा लहराता तिरंगा और साथ में 24 घंटे प्रज्वलित रहने वाली अमर ज्योति की लौ शहीद सैनिकों के सम्मान में जीवंत दृश्य सृजित करते हैं। स्मारक के बायीं तरफ करगिल समर में वीरगति को प्राप्त सैनिकों के नाम और अन्य विवरण वाले शिलालेख हैं। स्मारक के विजय पथ के दोनों तरफ उन नायकों की आवक्ष प्रतिमाएं हैं, जिन्होंने दुश्मन सैनिकों को अपनी भूमि से खदेड़ने के लिए पराक्रम दिखाया।