विश्व शतरंज में नई सनसनी बनकर उभर रहे आर. प्रज्ञानानंदा को कभी उनके माता-पिता ने शतरंज खेलने के लिए इसलिए प्रेरित किया था, ताकि वह टीवी से दूर रह सकें। लेकिन अब यह खिलाड़ी 64 खानों के इस खेल का नया बादशाह बनने की राह पर है। इस 18 वर्षीय खिलाड़ी को पिछले कुछ समय से पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा है और उन्होंने बाकू में चल रहे फिडे वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करके इसे सही साबित भी कर दिया।
भारतीय शतरंज के गढ़ चेन्नई के रहने वाले प्रज्ञानानंदा ने छोटी उम्र से ही इस खेल में नाम कमाना शुरू कर दिया था। उन्होंने राष्ट्रीय अंडर सात का खिताब जीता और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह 10 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय मास्टर और उसके दो साल बाद ग्रैंड मास्टर बन गए थे।
प्रज्ञानानंदा ने 2019 में 14 साल और तीन महीने की उम्र में अपनी ईएलओ रेटिंग 2600 पर पहुंचा दी थी. कोविड-19 के दौर में उन्होंने ऑनलाइन टूर्नामेंट में अपना जलवा दिखाया। उन्होंने 2021 में मेल्टवॉटर चैंपियंस टूर में सर्गेई कारजाकिन, तैमूर राडजाबोव और जान क्रिजिस्टॉफ डूडा जैसे शीर्ष खिलाड़ियों को हराया जबकि कार्लसन को बराबरी पर रोका।