चंद्रमा की सतह पर उतरा रोवर प्रज्ञान

चंद्रयान-3 के लैंडर से निकलकर रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर उतर गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो ने बताया कि स्वदेश में निर्मित और चंद्रमा के लिए बनाए गए रोवर प्रज्ञान ने चंद्रमा के तल पर चलना और जायजा लेना शुरू कर दिया है। यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण सफलता है। यह अनंतकाल तक पूरे विश्‍व के समक्ष प्रमाण रहेगा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश है।

लैंडर और रोवर में पांच वैज्ञानिक उपक्रम हैं जिन्हें लैंडर मॉड्यूल के भीतर रखा गया है। इसरो ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए रोवर की तैनाती चंद्र अभियानों में नई ऊंचाइयां हासिल करेगी। लैंडर और रोवर दोनों का जीवन काल एक-एक चंद्र दिवस है जो पृथ्वी के 14 दिन के समान है. चंद्रयान चाँद के रहस्यों का पता लगाने की कोशिश करेगा। चांद पर पानी की संभावनाओं को भी तलाशेगा।

चार साल में भारत के दूसरे प्रयास में चंद्रमा पर अनगिनत सपनों को साकार करते हुए चंद्रयान-3 के चार पैरों वाले लैंडर ‘विक्रम’ ने अपने पेट में रखे 26 किलोग्राम के रोवर ‘प्रज्ञान’ के साथ योजना के अनुसार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। शाम 5.44 बजे लैंडर मॉड्यूल को चंद्र सतह की ओर नीचे लाने की शुरू की गई प्रक्रिया के दौरान इसरो वैज्ञानिकों ने इस कवायद को “दहशत के 20 मिनट” के रूप में वर्णित किया।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here