विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन की अपनी यात्रा के दौरान नेताओं के समक्ष देश में खालिस्तान चरमपंथ का मुद्दा उठाया.साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें अभिव्यक्ति तथा बोलने की स्वतंत्रता के दुरुपयोग के प्रति सावधान रहना चाहिए। जयशंकर ने बुधवार को अपनी पांच दिवसीय ब्रिटेन यात्रा संपन्न की जिसे उन्होंने मुक्त व्यापार समझौते के लिए चल रही वार्ता में ‘पर्याप्त प्रगति’ के बीच ‘‘समयोचित’’ करार दिया।
उन्होंने रवानगी से पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग में मीडिया से बातचीत में ब्रिटेन के कैबिनेट मंत्रियों तथा विपक्ष के नेताओं के साथ हुई बातचीत के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। जयशंकर की ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) टिम बैरो के साथ हुई बैठकों के दौरान, देश में खालिस्तान समर्थक चरमपंथ के बीच भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा के बारे में भारत की चिंताओं पर विचार विमर्श हुआ।
यह पूछे जाने पर कि क्या एफटीए पर होने वाली 14वें दौर की वार्ता निर्णायक होने की संभावना है, विदेश मंत्री ने कहा, “हमने पर्याप्त प्रगति की है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि भविष्यवाणी करना या समयसीमा तय करना सही होगा। मुझे लगता है कि दोनों पक्ष एफटीए के महत्व के बारे में जानते हैं और इसे हासिल करने के लिए अधिकतम प्रयास करेंगे..।’’
जयशंकर ने ब्रिटेन के नवनियुक्त विदेश मंत्री डेविड कैमरन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की.जयशंकर ने कहा कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास संघर्ष सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई। जयशंकर ने बताया कि कैमरन ने उन्हें इंग्लैंड और भारतीय क्रिकेट टीम के हस्ताक्षर वाला एक बल्ला भेंट किया।