सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों पक्षों को कहा है कि वो यथास्थिति बनाये रखें ताकि दोनों पक्ष अपनी पूजा अर्चना और नमाज को अंजाम दे सकें। कोर्ट ने तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद पक्ष की याचिका पर ट्रायल कोर्ट के याचिकाकर्ता शैलेंद्र व्यास को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे सप्ताह में होगी।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई हुई, व्यास परिवार की ओर से वाराणसी जिला न्यायालय में जो आवेदन दिया गया था, जिसमें 31 जनवरी 2024 से ‘व्यास का तहखाना’ में पूजा करने की अनुमति दी गई थी।
उसके खिलाफ मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में गया लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष के पक्ष में फैसला सुनाया। आज अंजुमन इंतजामिया इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आया था। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस केस में नोटिस जारी किया है और हमें 30 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करना है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूजा पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।