मलयालम फिल्म उद्योग जगत के जाने माने अभिनेता मोहनलाल ने कल एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (एएमएमए) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। यह निर्णय न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें फिल्म उद्योग में महिला पेशेवरों के उत्पीड़न और उनके प्रति दुर्व्यवहार का ब्योरा दिया गया है। रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं द्वारा सहे जाने वाले गंभीर भेदभाव और चुनौतियों का वर्णन किया गया है। जिससे व्यापक आक्रोश फैल गया है और जवाबदेही की मांग की गई है।
मोहनलाल से पहले निर्देशक रंजीत और अभिनेता सिद्दीकी ने क्रमशः राज्य द्वारा संचालित फिल्म अकादमी और एएमएमए में अपनी नेतृत्वकारी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया था। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी महिला कलाकारों के साथ हो रहे अत्याचारों की जांच के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी।
कई महिला कलाकारों ने आरोप लगाया है कि काम शुरू करने से पहले ही उन्हें समझौता करने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद से मलयालम फिल्म उद्योग में इन कलाकारों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। बता दें कि सरकार ने 2019 में जस्टिस हेमा कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के सामने आने वाले मुद्दों का अध्ययन किया। इस रिपोर्ट में महिलाओं के यौन उत्पीड़न, शोषण और दुर्व्यवहार की अहम जानकारियां उजागर की गई हैं।