कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा का निधन हो गया है। वह 92 वर्ष की उम्र में बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। साधारणतः स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे एस एम कृष्णा को इस वर्ष पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनका राजनीतिक सफर कांग्रेस पार्टी से शुरू हुआ, लेकिन वे बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। उनके निधन पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, दोनों कांग्रेस और भाजपा, ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने एस एम कृष्णा के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि, “कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री श्री एस.एम. कृष्णा के निधन से हम सभी दुखी हैं। उनके नेतृत्व और जनता की सेवा की विरासत ने हमारे राज्य और राष्ट्र पर स्थायी छाप छोड़ी है। उनकी दूरदर्शिता और समर्पण ने कर्नाटक की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बेंगलुरु के विकास के लिए उनका दृष्टिकोण उन्हें कई लोगों का प्रिय बना गया। हम आज भी उनके द्वारा प्रस्तुत की गई वैश्विक दृष्टि का लाभ उठा रहे हैं। जब हम उन्हें याद करते हैं, तो यह केवल हमारे राजनीतिक क्षेत्र में एक महान व्यक्ति का नुकसान नहीं है, बल्कि उनकी सेवा के जीवन से प्रेरणा लेने का एक अवसर भी है। उनकी आत्मा को शांति मिले और उनका योगदान भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करता रहे।”
एस एम कृष्णा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1960 में की थी। 1962 में उन्होंने निर्दलीय विधायक के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। बाद में, उन्होंने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया और अंततः कांग्रेस पार्टी में पहुंचे। 1999 से 2004 तक, वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे और इसके बाद मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश मंत्री बने। लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद, उन्होंने 2017 में भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। इसके अलावा, उन्होंने दिसंबर 2004 से मार्च 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद भी संभाला। एस एम कृष्णा का राजनीतिक योगदान कर्नाटक और देश की राजनीति में बार-बार याद किया जाएगा।