राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संसद में गतिरोध जारी है। शुक्रवार को भी सदन की कार्यवाही हंगामे के कारण स्थगित कर दी गई। इस दौरान सभापति और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी बहस हुई। सांसदों के बीच की इस स्थिति ने सदन की गतिविधियों को प्रभावित किया, जिससे चर्चा और निर्णय लेने में अड़चन आई।
सभापति धनखड़ ने मीडिया में उनके खिलाफ चल रहे अभियान पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल उनके खिलाफ नहीं, बल्कि उनकी श्रेणी के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रहे हैं। धनखड़ ने यह भी कहा कि वह एक किसान का बेटा हैं और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे संवाद के लिए उनके कक्ष में मिलने का समय निकालें ताकि गतिरोध को समाप्त किया जा सके।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति की बातों का जवाब देते हुए कहा कि यदि वे किसान के बेटे हैं, तो वह मजदूर के बेटे हैं। खड़गे ने सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि वह भाजपा के सांसदों को बोलने का अवसर दे रहे हैं, जबकि कांग्रेस के सांसदों को अवसर नहीं दिया जा रहा। उनका यह भी कहना था कि सभापति की जिम्मेदारी होती है कि वे सभी सांसदों का सम्मान करें, और यदि वे असमानता बरतते हैं, तो उन्हें भी सम्मान देने का कोई मतलब नहीं है।