काशिश वारसी, इंडियन सूफी फाउंडेशन के अध्यक्ष, ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 की प्रशंसा की है और मुस्लिम समुदाय से इसे गहनता से पढ़ने का आग्रह किया है ताकि उन्हें इसके विभिन्न प्रभावों की सम्यक जानकारी हो सके।
लोकसभा में इस विधेयक को व्यापक चर्चा के पश्चात् स्वीकार किया गया, जहां विपक्ष ने इसका विरोध किया था, वहीं भारतीय जनता पार्टी और उसके मित्र दलों ने इसे समर्थन दिया और कहा कि यह विधेयक वक्फ बोर्डों के कार्यप्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाएगा।
श्री वारसी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रस्तुति से स्पष्ट हो गया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के विरूद्ध नहीं, अपितु गरीबी उन्मूलन और समुदाय के कल्याण हेतु प्रोत्साहित है। उन्होंने कहा, “संविधान सभा में इसके पारित होने पर सरकार की प्रशंसा करता हूं और अमित शाह की बातों से यह स्पष्ट होता है कि इस विधेयक का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कुछ भी नहीं है। मैं मुस्लिम भाई-बहनों से यह विधेयक स्वयं पढ़ने की अपील करता हूं। कुछ राजनैतिक दल मुसलमानों को भयभीत करने का प्रयास कर रहे हैं, किन्तु वास्तविकता में कौन उनके साथ है यह अब स्पष्ट हो रहा है।”
वारसी ने आशा व्यक्त की कि यह विधेयक राज्यसभा में भी स्वीकार किया जाएगा। लोकसभा में इसे 288 मतों के समर्थन और 232 मतों के विरोध में स्वीकृति मिली।
यह विधेयक 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन कर वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार लाने के लिए प्रस्तुत किया गया है, जिससे पंजीकरण प्रक्रिया सरलीकृत होगी और डिजिटल तकनीकी के माध्यम से पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि होगी।