भारतीय निर्वाचन आयोग ने दरभंगा से संबंधित एक वीडियो के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव द्वारा लगाए गए आरोपों को पूर्णतः अस्वीकार कर दिया है। यादव ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित कर भाजपा की महिला जिला अध्यक्ष पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया था।
प्रश्नगत वीडियो में भाजपा की स्थानीय नेता कविता कुमारी उर्फ सपना भारती को एक मतदान केंद्र पर दिखाया गया था, जहां एसआईआर कार्य प्रगति पर था। वीडियो निर्माता जमाल हसन ने अभियोग लगाया कि कविता कुमारी मतदाता सूची में अनियमितता करने का प्रयास कर रही थीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) मतदाताओं के निवास पर नहीं जा रहे हैं और भाजपा नेता मतदाताओं को परेशान कर रही हैं।
इस वीडियो को कांग्रेस और राजद के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी प्रसारित किया, जिसमें निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाए गए।
तथापि, आयोग द्वारा कराई गई विस्तृत जांच में स्पष्ट हुआ कि वीडियो में किए गए दावे असत्य और भ्रामक हैं। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, कविता कुमारी मतदान केंद्र पर स्वयं और अपने परिजनों के गणना प्रपत्र एवं आवश्यक दस्तावेज जमा करने गई थीं। उनके द्वारा कोई अनियमितता नहीं की गई थी।
जांच में यह भी प्रकाश में आया कि वीडियो निर्माता जमाल हसन और कविता कुमारी के मध्य पूर्व से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता विद्यमान है, जिसके कारण यह भ्रामक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया। आयोग ने स्पष्ट किया कि बीएलओ द्वारा कोई अनुचित कार्य नहीं किया गया और पक्षपात के सभी आरोप निराधार हैं।