हरमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 8 वर्षों के पश्चात् एशिया कप का चैंपियनशिप पुनः प्राप्त कर लिया है। फाइनल मुकाबले में भारत ने गत विजेता दक्षिण कोरिया को 4-1 के अंतर से पराजित किया। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ भारत ने चतुर्थ बार एशिया कप ट्रॉफी अपने नाम की है एवं 2026 में नीदरलैंड और बेल्जियम में आयोजित होने वाले एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए भी योग्यता प्राप्त कर ली है।
विजय के उपरांत कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “यह हमारा प्राथमिक लक्ष्य था, जिसके लिए हम दीर्घकाल से अभ्यासरत थे। अंततः हमने इसे प्राप्त किया है। अब हमारा अगला लक्ष्य विश्व कप है।”
फाइनल प्रतियोगिता में भारतीय टीम ने प्रारंभ से ही आक्रामक रणनीति अपनाई। प्रथम मिनट में ही सुखजीत सिंह ने गोल करके भारत को 1-0 की बढ़त प्रदान की। प्रथम हाफ के समापन से पूर्व दिलप्रीत सिंह ने दूसरा गोल दागकर स्कोर 2-0 कर दिया। तृतीय क्वार्टर में दिलप्रीत ने अपना द्वितीय गोल करके भारत को 3-0 की मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
हालांकि दक्षिण कोरिया ने 57वें मिनट में एक गोल किया, परंतु भारत ने अंततः 4-1 से विजय प्राप्त की। यह उपलब्धि भारतीय हॉकी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है तथा आगामी विश्व कप की तैयारियों के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हरमनप्रीत सिंह के कुशल नेतृत्व एवं टीम के सामूहिक प्रयास से स्पष्ट है कि भारतीय हॉकी केवल एशियाई स्तर पर ही नहीं अपितु वैश्विक परिदृश्य में भी अपनी उपस्थिति सुदृढ़ कर रही है। आठ वर्षों के पश्चात् एशिया कप की विजय तथा विश्व कप हेतु क्वालीफिकेशन, टीम के समर्पण और परिश्रम का परिणाम है, जो प्रत्येक भारतीय के लिए गौरवपूर्ण है।