भारत तेजी से एक वैश्विक साइबर सिक्योरिटी हब के रूप में उभर रहा है। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने बताया कि देश में 400 से अधिक स्टार्टअप्स और 6.5 लाख से ज्यादा कुशल पेशेवर साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। यह वर्कफोर्स लगभग 20 अरब डॉलर की साइबर सिक्योरिटी इंडस्ट्री को मजबूती दे रही है।
डॉ. बहल ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स थ्रेट डिटेक्शन, साइबर फोरेंसिक और एआई-आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम के क्षेत्र में नवाचार कर रहे हैं। यह प्रयास भारत की मजबूत और सुरक्षित डिजिटल इकोसिस्टम बनाने की प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने यह बातें विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित एक इंटरैक्टिव सेशन में कही, जिसे सीईआरटी-इन और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने यूरोपीय संघ देशों के पत्रकारों के लिए आयोजित किया था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बहल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक दोधारी तलवार है — यह सुरक्षा रक्षकों और साइबर अपराधियों, दोनों को नई क्षमताएं प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि सीईआरटी-इन वास्तविक समय (रियल टाइम) में साइबर घटनाओं का पता लगाने, उन्हें रोकने और उन पर प्रतिक्रिया देने के लिए एआई-आधारित विश्लेषण और स्वचालन तकनीक का उपयोग कर रहा है।
डॉ. बहल ने खुलासा किया कि 2024 में भारत में 147 रैंसमवेयर घटनाएं दर्ज की गई थीं। इन घटनाओं से निपटने के लिए सीईआरटी-इन ने रीयल टाइम में खुफिया जानकारी साझा करने, फोरेंसिक हस्तक्षेप और कॉर्डिनेटेड एक्शन के जरिए नुकसान को काफी हद तक कम किया। उन्होंने कहा कि यह भारत की साइबर प्रतिक्रिया प्रणाली की दक्षता और तात्कालिकता को दर्शाता है।
सेशन के दौरान विशेषज्ञों ने साइबर घटनाओं के प्रबंधन, जोखिम मूल्यांकन और समन्वित प्रतिक्रिया तंत्र में सीईआरटी-इन की भूमिका पर चर्चा की। डॉ. बहल ने कहा कि संगठन का उद्देश्य “भय नहीं, बल्कि जागरूकता के माध्यम से सुरक्षा” सुनिश्चित करना है।
उन्होंने यह भी बताया कि सीईआरटी-इन समय-समय पर संस्थानों और नागरिकों को नए खतरों और कमजोरियों (vulnerabilities) को लेकर चेतावनी और परामर्श जारी करता है, ताकि देश की डिजिटल सीमाओं को सुरक्षित रखा जा सके।
डॉ. बहल ने यह भी जोर दिया कि भारत का लक्ष्य केवल सुरक्षा को मजबूत करना नहीं, बल्कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व हासिल करना है।











