बिहार में छठ महापर्व के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली जनसभा ने मुजफ्फरपुर में ऐतिहासिक रूप ले लिया। गुरुवार को आयोजित रैली में बारिश के बावजूद भारी भीड़ उमड़ी, जिससे पूरा मैदान जनसागर में बदल गया। प्रधानमंत्री ने इस उत्साहपूर्ण स्वागत के लिए कार्यकर्ताओं और जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा, “बारिश के बावजूद आप सभी का इस तरह उमड़ना मेरे लिए आशीर्वाद है। मुजफ्फरपुर की धरती जितनी मीठी है, यहां की जनता की बोली भी उतनी ही मधुर है।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार की जनता उनके दिल के बेहद करीब है। उन्होंने कहा, “मैं बिहार की जनता का कर्जदार हूं। आज जिस जोश और ऊर्जा के साथ युवा और माताएं-बहनें यहां आई हैं, वह इस बात का संकेत है कि जनता का मन साफ है — ‘फिर एक बार, एनडीए सरकार’। यह जनसैलाब हमारे गठबंधन के प्रति जनता के विश्वास को दिखा रहा है।”
रैली को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भारी उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही लोग कार्यक्रम स्थल पर जुटने लगे थे। प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए लोग घंटों बारिश में खड़े रहे। महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही, जिन्होंने पारंपरिक परिधानों में प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
रैली में शामिल एक महिला कार्यकर्ता ने कहा, “प्रधानमंत्री हमारे मुजफ्फरपुर की धरती पर आए हैं, यह हमारे लिए गर्व की बात है। आज बिहार में जो विकास हो रहा है, वह मोदी सरकार की देन है। सड़कों से लेकर बिजली, गैस और आवास तक — हर क्षेत्र में परिवर्तन दिखाई दे रहा है।”
इसी तरह एक युवक ने कहा, “बिहार अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश 2047 तक एक विकसित भारत बनेगा, और बिहार उस सफर का अहम हिस्सा रहेगा। आज युवाओं के भीतर आत्मविश्वास और उम्मीद दोनों हैं।”
कार्यक्रम के दौरान मंच के सामने “मोदी- मोदी” और “भारत माता की जय” के नारे गूंजते रहे। प्रधानमंत्री ने जनता के इस उत्साह को “विकसित बिहार के संकल्प की ताकत” बताया और कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं अब बिहार के गांव-गांव तक पहुंच रही हैं।
मुजफ्फरपुर की इस रैली ने न केवल भाजपा के लिए जनसमर्थन का प्रदर्शन किया बल्कि आने वाले चुनावी परिदृश्य में एनडीए के लिए माहौल भी मजबूत किया है।











