हिन्दी फिल्मों के महान अभिनेता दिलीप कुमार अब नहीं रहे। लम्बी बीमारी के बाद आज सुबह साढे सात बजे उन्होंने मुम्बई के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। 98 वर्षीय दिलीप कुमार को सांस लेने में परेशानी के कारण पिछले बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में उनकी पत्नी सायरा बानो हैं। दिलीप कुमार का अंतिम संस्कार शाम पांच बजे मुम्बई के सांता क्रूज में जुहू कब्रिस्तान में किया जायेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राजनीतिक तथा फिल्म जगत के अनेक प्रमुख लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
अपने अभिनय के माध्यम से दिलीप कुमार ने अनेक चरित्रों को पर्दे पर साकार किया। मशहूर तिकडी राजकपूर, देवानंद के बाद दिलीप कुमार भी दुनिया को अल विदा कह गए।
11 दिसम्बर 1922 को पेशावर के एक साधारण परिवार में जनमे मोहम्मद यूसुफ खान की स्कूली शिक्षा महाराष्ट्र के देवलाली में हुई। उनके पिता फलों के व्यापारी थे। यूसुफ खान ने हिन्दी फिल्मों की पुरानी परम्परा के अनुरूप रूपहले पर्दे के लिए अपना नाम दिलीप कुमार रख लिया।
उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अभिनेता दिलीप कुमार के निधन पर दुख व्यक्त किया है। श्री कोविंद ने कहा कि दिलीप कुमार का आकर्षण सीमाओं में नहीं बंधा था और उन्हें हर जगह पसंद किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके निधन से एक युग का अंत हो गया। श्री कोविंद ने कहा कि दिलीप साहब हमेशा भारतीयों के दिल में रहेंगे।