जम्मू-कश्मीर के लिए परिसीमन आयोग ने आज कहा कि केन्द्रशासित प्रदेश की विधानसभाओं का पुनर्निधारण अत्यधिक जटिल मुद्दा है। जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों, नागरिक समाज समूहों और एनजीओ के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद आयोग ने यह बात कही। आयोग ने स्पष्ट किया है कि परिसीमन की प्रक्रिया अत्यधिक पारदर्शी ढंग से पूरी की जाएगी तथा आपत्तियों और सुझाव के लिए इसका मसौदा सार्वजनिक डोमेन में रखा जाएगा। इसके उपरांत अंतिम मसौदा तैयार करने के लिए आयोग के सदस्यों के साथ भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
परिसीमन आयोग के सदस्यों ने संकेत दिए हैं कि नई विधानसभा में केन्द्रशासित प्रदेश के अनुसूचित जाति और जनजाति समूहों से संबंधित लोगों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। चार दिन के दौरे के आखिर में जम्मू में संवाददाता सम्मेलन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने कहा कि इन चार दिनों में आयोग श्रीनगर, पहलगाम, किश्तवाड़ और जम्मू में दो सौ 90 समूहों से मिला। श्री चन्द्रा परिसीमन आयोग के पदेन सदस्य हैं।