विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि दुनिया को आतंकवाद से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की जानी चाहिए और इसका कोई औचित्य नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि भारत ने 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमले और 2016 में पठानकोट हवाई अड्डे पर हुए हमले सहित आतंकवाद की चुनौतियों का सामना किया है और इनमें कई लोगों की जानें भी गई हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद का खतरा किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या किसी जातीय समूह से नहीं जुड़ा हो सकता है और न ही होना चाहिए।