विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत अब यूनिकॉर्न के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर है। आज लोकसभा में उन्होंने बताया कि कल तक देश में 99 यूनिकॉर्न थे।
सरकार ने पिछले 8 वर्षों में 2014 से 2022 तक 10600 स्टार्टअप परियोजनाओं को आर्थिक मदद दी है। उन्होंने कहा कि 2016 से अब तक लगभग 67 हजार स्टार्टअप परियोजनाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ पंजीकृत किया गया है।
भारत में एडटेक स्टार्टअप बायजू सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न है। उसका कुल मूल्यांकन 21 अरब डॉलर है। 12 अरब डॉलर के साथ इनमोबी दूसरे, 9.5 अरब डॉलर के साथ ओयो तीसरे और 7.5 अरब डॉलर के साथ रोजरपे चौथे स्थान पर है। इसमें आगे कहा गया है कि भारतीय शहरों में बेंगलुरु में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न हैं।
अमेरिका-चीन का 74 फीसदी हिस्सा…दुनिया की 74% यूनिकॉर्न अमेरिका और चीन में हैं। इस साल दुनियाभर में कुल 673 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने, जबकि 201 सूची से बाहर हो गए। 28% यानी 162 यूनिकॉर्न कंपनियां बन गईं। वहीं, 7% यानी 39 कंपनियां मूल्यांकन कम होने के कारण यूनिकॉर्न की सूची से बाहर हो गईं।











