वार्षिक कांवड़ यात्रा दो वर्ष के अंतराल के बाद आज शुरू हो रही है। पिछले दो वर्ष कोविड महामारी के कारण यात्रा नहीं हो सकी थी। इस वर्ष, लगभग तीन से चार करोड श्रद्धालुओं के शामिल होने की आशा है।
उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश सरकारों ने श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को व्यवस्थित करने के व्यापक प्रबंध किए हैं। उत्तर प्रदेश में कांवड यात्रा, मेरठ, सहारानपुर, गाजियाबाद, शामली और बागपत जिलों से होकर गुजरेगी और इस महीने की 26 तारीख तक चलेगी। श्रद्धालु हरिद्वार, गोमुख और गंगोत्री से जल लेकर शिव मंदिरों में चढ़ायेंगे।
अधिकांश श्रद्धालु पैदल ही यात्रा पूरी करते हैं। लेकिन असमर्थ श्रद्धालु लंबी दूरी के लिए वाहनों का भी उपयोग करते हैं। स्थानीय कांवड़ समितियों के साथ मिलकर दिल्ली में 152 स्थानों पर 175 से अधिक कांवड़ कैंप्स लगाए जाएंगे, जिनमें व्यवस्थाओं की निगरानी का मुख्य जिम्मा दिल्ली सरकार की तीर्थ यात्रा विकास समिति ही संभालेगी। तय की गई सभी जगहों पर दिल्ली सरकार का रेवेन्यू विभाग स्थानीय जिला प्रशासन की मदद से टेंट लगवाएगा।