दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में विश्व डेयरी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का डेयरी क्षेत्र बड़े पैमाने पर उत्पादन की बजाय बड़े जन समूह द्वारा उत्पादन करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि छोटे डेयरी किसानों के सामुहिक प्रयासों से भारत दुनिया में सबसे अधिक डेयरी उत्पाद करने वाला देश बन गया है। मोदी ने कहा कि 2014 में देश में 14 करोड़ 60 लाख टन दूध का उत्पादन किया था जो अब यह बढ़कर 21 करोड़ टन हो गया है, जो करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि है।
उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ-साथ दुनिया भर के करोड़ों लोगों की आजीविका का एक प्रमुख स्रोत भी है। उन्होंने कहा कि भारत में डेयरी क्षेत्र की प्रेरक शक्ति छोटे किसान हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डेयरी क्षेत्र में 75 प्रतिशत योगदान नारी शक्ति का है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति डेयरी क्षेत्र तक भी पहुंची है और डिजिटल भुगतान प्रणाली दुनिया भर के किसानों की मदद कर सकती है।
पिछले कुछ वर्षों में लम्पी चर्म रोग मवेशियों के लिए खतरा बना हुआ है और उनका जीवन बचाने के लिए स्वदेश में ही टीका तैयार कर लिया गया है। मोदी ने कहा कि प्लास्टिक मवेशियों के लिए खतरा बन गया है और सरकार एक ही बार में प्रयोग किए जाने वाले प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने के लिए संकल्पबद्ध है।