अहमदाबाद में हुई भीषण विमान दुर्घटना में विश्वास कुमार रमेश एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने इस त्रासदी में अपनी जान बचाई है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में अब तक 241 लोगों की मृत्यु की पुष्टि की जा चुकी है। वर्तमान में विश्वास कुमार रमेश का अस्पताल में उपचार जारी है।
चिकित्सा देखभाल प्राप्त करते हुए, उन्होंने मीडिया से बातचीत में इस घटना का विवरण दिया। उन्होंने कहा, “मुझे स्वयं पर विश्वास नहीं होता कि मैं जीवित बाहर निकल पाया। क्योंकि कुछ समय के लिए मुझे भी प्रतीत हुआ कि मेरी मृत्यु निश्चित है। जब मेरी चेतना लौटी, तब मुझे ज्ञात हुआ कि मैं जीवित हूँ। दुर्घटना के पश्चात मैंने विमान से बाहर निकलने का मार्ग खोजा।”
दुर्घटना के पूर्व की परिस्थितियों का वर्णन करते हुए विश्वास कुमार ने बताया कि उड़ान भरने के मात्र एक मिनट पश्चात ही ऐसा प्रतीत हुआ जैसे विमान रुक गया हो। कुछ ही क्षणों में विमान के अंदर प्रकाश व्यवस्था सक्रिय हो गई। अत्यधिक गति के साथ विमान एक अस्पताल के छात्रावास से टकरा गया। उन्होंने बताया, “विमान का जिस भाग में मैं था, वह दीवार से नहीं टकराया था, परंतु विमान का द्वार क्षतिग्रस्त हो गया और उसी मार्ग से मैं बाहर निकला। मेरा बायां हाथ थोड़ा जल गया। तत्पश्चात एम्बुलेंस द्वारा मुझे अस्पताल लाया गया।”
एयर इंडिया का यह विमान गुरुवार को अपराह्न 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए प्रस्थान किया था। इसमें 230 यात्री और 12 नौवहन कर्मी सवार थे। उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के पश्चात विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अहमदाबाद हवाई अड्डे से कुछ दूरी पर विमान अस्पताल के छात्रावास से टकराया और उसमें आग लग गई। मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल हैं।