सीमा सुरक्षा बल (BSF) के कांस्टेबल पूर्णम कुमार शौ को 21 दिन की पाकिस्तानी हिरासत के पश्चात् आज सुबह भारत वापस लाया गया। शौ को 23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश करने पर पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में लिया था।
आज सुबह 10:30 बजे निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत कांस्टेबल शौ को अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया। BSF एवं विदेश मंत्रालय के उच्च स्तरीय कूटनीतिक प्रयासों, द्विपक्षीय फ्लैग मीटिंग्स और अन्य संवाद माध्यमों से निरंतर संपर्क बनाए रखने की कार्रवाई के परिणामस्वरूप यह सुरक्षित वापसी संभव हो सकी।
पूर्व में अधिकारियों के अनुसार, शौ 23 अप्रैल को करीब 11:50 बजे ड्यूटी पर तैनात थे, जब मार्ग की पहचान में अनजाने में त्रुटि हुई और वे पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए। पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें तत्काल हिरासत में लिया और भारतीय पक्ष को सूचित किया गया। दोनों पक्षों के बीच पारस्परिक विश्वास के आधार पर आयोजित वार्ता एवं तकनीकी संवाद ने इस घटना को शांति पूर्ण ढंग से सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पूर्णम कुमार शौ के घर लौटने पर उनके परिवार में उल्लास का माहौल रहा। परिजनों ने मिठाइयां बांटकर इस सफलता का जश्न मनाया। पत्नी रजनी शौ ने लगातार सरकार से पति की सुरक्षित रिहाई की अपील की थी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी रजनी शौ से तीन बार फोन पर संपर्क साधा और आज पुनः संवाद किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर सूचना साझा करते हुए दिली खुशी व्यक्त की और शौ व उनके परिवार के प्रति शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
वैसे ही अतर्राष्ट्रीय मामलों पर निगरानी रखने वाली ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITC) ने भी बयान जारी कर इस घटना के शांतिपूर्ण समाधान की सराहना की। पार्टी ने दावा किया कि इस प्रयास से दोनों देशों के बीच संवाद की संभावनाएं और मजबूत हुई हैं तथा आशा व्यक्त की है कि पूर्णम कुमार शौ शीघ्र ही मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने प्रियजनों के साथ शांति पूर्वक जीवन व्यतीत करेंगे।