आज कल पाकिस्तान के एक मौलाना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमे वो कहते है माता-पिता अपने छोटे बच्चों को इस भरोसे के साथ स्कूल भेजते हैं कि उनकी गैर-मौजूदगी में उनके शिक्षक उनका ध्यान रखेंगे। लेकिन जब बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक और खुद संस्थान ही सवालों के घेरे में आ जाए तो मां-बाप किस पर भरोसा करेंगे? पाकिस्तान में एक बार फिर इस्लाम की शिक्षा देने वाले मदरसे सवालों के घेरे में हैं। वह इन्हें ‘समलैंगिक पैदा करने वाली इंडस्ट्री’ करार देता है।
When a faith doesn't have any spiritual depth, when it starts with trapping 4 wives & concubines in this life and ends with enslaving 72 virgins after death, this alone could be the total contribution to the world.
Only Dharma is the cure.pic.twitter.com/EeNQFuX3fn
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) April 1, 2023
उसने कहा कि जो मोहल्ले में पहुँच गया वो वहाँ करता है, जो शहर में पहुँच गया वो वहाँ करता है। उसने कहा कि ये बात सबको पता है, लेकिन ये मसला इतना आसान भी नहीं है कि चुटकुले बना कर इसे खत्म किया जा सके। मौलाना ने कहा कि इस व्यवस्था को खत्म किया जाना चाहिए, क्योंकि दीन इन चीजों से नहीं चलता है। साथ ही उसने अभिभावकों को सलाह भी दी है कि वो अपने बच्चों को मस्जिदों-मदरसों में पढ़ने के लिए न भेजें।