NHAI का नया फास्टैग नियम: क्या बदलेगा आपके सफर में?

हाल ही में सोशल मीडिया पर फास्टैग नियमों में बदलाव को लेकर कई चर्चाएँ हो रही थीं, जिन पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सफाई दी है। कुछ खबरों में कहा गया था कि यदि फास्टैग 60 मिनट पहले से निष्क्रिय रहता है और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक सक्रिय नहीं होता है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा। इस पर एनएचएआई ने स्पष्ट किया कि 28 जनवरी 2025 को जारी एनपीसीआई के परिपत्र का असर फास्टैग ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा।

एनपीसीआई ने यह परिपत्र अधिग्रहण कर्ता बैंक और जारी करने वाले बैंक के बीच विवादों के समाधान के लिए जारी किया है, ताकि फास्टैग लेनदेन समय पर हो और ग्राहकों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। सभी राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा आईसीडी 2.5 प्रोटोकॉल पर कार्यरत हैं, जो रीयल-टाइम में टैग की स्थिति बताता है। इसका मतलब है कि ग्राहक टोल पार करने से पहले कभी भी अपना फास्टैग रिचार्ज कर सकते हैं। हालांकि, कुछ राज्य राजमार्गों पर पुराने आईसीडी 2.4 प्रोटोकॉल का उपयोग हो रहा है, जिन्हें जल्द ही नए सिस्टम में अपग्रेड किया जाएगा।

नए फास्टैग नियमों के तहत कम बैलेंस, देर से भुगतान या ब्लैकलिस्टेड टैग वाले वाहनों पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे यूजर्स, जो समय पर भुगतान नहीं करते या जिनके टैग ब्लैकलिस्टेड हैं, उन्हें परेशानी हो सकती है। फास्टैग ग्राहकों को यूपीआई, नेट बैंकिंग या अन्य डिजिटल माध्यमों से समय पर रिचार्ज करने की सलाह दी गई है। ऑटो-रिचार्ज विकल्प अपनाने से भुगतान में देरी की समस्या से बचा जा सकता है।

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