उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगा मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य को विशेष जांच दल द्वारा बरी किये जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका आज खारिज कर दी।
कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने यह याचिका दायर की थी।
इससे पहले जकिया के वकील ने कहा था कि 2006 मामले में उनकी शिकायत है कि ‘‘एक बड़ी साजिश रची गई, जिसमें नौकरशाही की निष्क्रियता और पुलिस की मिलीभगत थी और अभद्र भाषा एवं हिंसा को बढ़ावा दिया गया।’’
शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह सुनवाई योग्य नहीं है। 2002 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने विशेष जांच दल की उस रिपोर्ट को चुनौती दी थी जिसमें नरेन्द्र मोदी सहित 64 लोगों को मामले से बरी किया गया था।