केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 मार्च को लोकसभा में आव्रजन एवं विदेशी विधेयक, 2025 पर चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि सरकार उन विदेशी नागरिकों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तत्पर है, जो पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा या व्यवसाय के उद्देश्य से देश आना चाहते हैं। मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार केवल उन व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाएगी जिनके इरादे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करने वाले हैं।
शाह ने कहा, “नरेंद्र मोदी सरकार का मूल सिद्धांत यही है कि वह केवल उन विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश से रोकेगी, जिनके उद्देश्य हानिकारक हैं। देश को धर्मशाला नहीं माना जाएगा, और जो देश के विकास में योगदान देने की ठानी रहे हैं, उनका स्वागत किया जाएगा।” उन्होंने बताया कि प्रस्तावित विधेयक से देश की सुरक्षा की बुनियाद मजबूत होगी, साथ ही आर्थिक विकास, व्यापार, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में नई ऊर्जा का संचार होगा। यह कानून सुनिश्चित करेगा कि विदेशियों के प्रवेश से संबंधित अद्यतन जानकारी सरकार के पास उपलब्ध रहे, जिससे सुरक्षा व्यवस्था में तत्परता और नियंत्रण बनाए रखा जा सके।
मंत्री ने साथ ही म्यांमार एवं बांग्लादेश से संबंधी हालिया घटनाओं की ओर इशारा किया और अवैध रूप से प्रवेश करने वाले तथा आश्रय की मांग करने वाले व्यक्तियों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि निजी लाभ के लिए भारत में आने वाले ऐसे व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि से राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लग गए हैं। शाह ने चेतावनी दी कि यदि कोई घुसपैठिया देश में अशांति फैलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का यह मानना है कि यह विधेयक न केवल वर्तमान सुरक्षा चुनौतियों का समाधान प्रदान करेगा, बल्कि 2047 तक भारत को विश्व के सबसे विकसित राष्ट्रों में से एक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। मंत्रि ने आश्वासित किया कि भविष्य में भी देश में प्रवेश करने वाले प्रत्येक विदेशी नागरिक की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी जिससे राष्ट्रीय हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।