ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन अस्सी शहरों तक फैल गया है। पुलिस हिरासत में 22 वर्षीया महासा अमीनी की मौत के बाद से जारी विरोध प्रदर्शनों में कई लोग मारे गए हैं। एक मानवाधिकार समूह ने 31 लोगों के मारे जाने की खबर दी है जबकि सरकारी टेलीविजन ने यह संख्या 17 बताई है। ईरानी अधिकारियों ने सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की खबरों का खंडन किया है।
महासा अमीनी को 13 सितम्बर को ईरान पुलिस ने ढंग से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इंटरनेट निगरानी समूह, नेट ब्लॉक्स ने ख़बर दी है कि नवम्बर 2019 में सरकारी विरोधी व्यापक प्रदर्शनों के बाद से ईरान में इंटरनेट पर अब तक की सबसे कड़ी पाबंदी लगाई गई है।
ट्विटर पर प्रसारित एक वीडियो में प्रदर्शनकारी एक थाने के करीब नारे लगा रहे हैं- ‘हम मर जाएंगे, हम मर जाएंगे, लेकिन ईरान को वापस लेकर रहेंगे।’ इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने थाने को आग के हवाले कर दिया। इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि वह थाना कौन सा है। प्रदर्शनकारियों द्वारा आग के हवाले किया गया दूसरा थाना राजधानी तेरहान का है।