झारखंड उच्च न्यायालय ने शनिवार को चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद को जमानत दे दी। इस मामले में 1991 और 1996 के बीच पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपये की धोखे से निकासी शामिल है, जबकि लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे।
ट्रायल कोर्ट ने उन्हें सात साल की सजा सुनाई थी। उनकी जमानत अर्जी बाद में सेशन कोर्ट में खारिज कर दी गई। लालू पहले ही अपने वकील के मुताबिक 3.5 साल जेल की सजा काट चुके हैं।
चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में दोषी ठहराए गए 73 वर्षीय लालू को पहले ही अन्य तीन मामलों में जमानत मिल चुकी है और उनके मुफ्त चलने की उम्मीद है।
सीबीआई के वकील राजीव सिन्हा के एक सहायक वकील नीरज रवि के अनुसार, आदेश को वितरित करते हुए न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह ने कहा कि राजद प्रमुख ने मामले में अपनी आधी सजा काट ली थी।
लालू नई दिल्ली में एम्स में इलाज करा रहे हैं। उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद, उन्हें 23 जनवरी को रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था। लालू इस साल के अगस्त से अस्पताल में हैं।
वस्तुतः अदालत में उपस्थित कपिल सिब्बल ने पहले कहा था कि बीमार राजद सुप्रीमो ने अपने ऊपर लगाई गई आधी से अधिक सजा काट ली है और अदालत से उन्हें जमानत पर रिहा करने का आग्रह किया है।