प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नवनिर्मित संसद भवन कल राष्ट्र को समर्पित करेंगे। नया संसद भवन वास्तुकला का शानदार नमूना है तथा राष्ट्र की प्रगति का गौरवशाली प्रतीक है। इसकी आंतरिक साज-सज्जा देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। यह भवन अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जिससे संसद सदस्यों को निर्बाध कनेक्टिविटी मिलेगी और वे अपनी उपयोगिता बेहतर तरीक़े से सुनिश्चित कर सकेंगे।
65 हजार वर्ग मीटर वाला यह परिसर क्षेत्रीय कला, शिल्प और सांस्कृतिक धरोहर की समेकित अभिव्यक्ति है जिसमें आधुनिक भारत की विविधता और गतिशीलता की झलक भी समाहित है। नए संसद भवन में लोकसभा में सदस्यों के बैठने की क्षमता बढाकर 888 कर दी गई है। इसकी आंतरिक साज-सज्जा राष्ट्रीय पक्षी मोर से प्रेरित है और यह कक्ष, सत्ता और गरिमा की भावना को परिलक्षित करता है।
राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। समिति कक्षों में सुचारु चर्चा और विचार-विमर्श के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग किया गया है। नए संसद भवन के पुस्तकालय का उपयोग संसद सदस्यों के अतिरिक्त शोधकर्ता भी कर सकेंगे। पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण इस भवन को प्लैटिनम रेटिंग दी गई है।