प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में, जहां बीमार, वहीं उपचार का नया मंत्र देते हुए कहा है कि हमें इस महामारी से बच्चों की सुरक्षा करनी है और अपने को इससे निपटने के लिए तैयार करना है।
प्रधानमंत्री आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चिकित्सकों और अर्द्धचिकित्सा कर्मचारियों और फ्रंट लाइन वकर्रों को संबोधित कर रहे थे। श्री मोदी ने कहा कि हमारी लड़ाई लगातार रूप बदल रहे तथा एक शातिर वायरस से है और हमें इसके लिए अपने को तैयार करने की जरूरत है। श्री मोदी ने टीकाकरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि हमें अपनी बारी आने पर टीका अवश्य लगवाना चाहिए और वैक्सीन को एक सामूहिक जिम्मेदारी बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस से निपटने में अब योग और आयुष ने दुनिया भर में अपनी महत्ता साबित की है।
श्री मोदी ने महामारी से निपटने में वाराणसी मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि देश में हर कोई इसकी चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस मॉडल के तहत कोविड नमूनों की जांच के लिए नई मशीनों का इस्तेमाल, ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधाएं और चिकित्सा से संबंधित अन्य बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता अन्य के लिए भी एक उदाहरण बन गया है।
प्रधानमंत्री ने काशी कवच का विशेष उल्लेख किया और कहा कि यह भी प्रशासन का एक नवाचारी अनुभव है, जो लोगों को टैली मेडिसिन औषधियों और महामारी से निपटने की लिए अन्य संबंधित जरूरतें पूरी कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह आराम करने का समय नहीं है और हमें वाराणसी और पूर्वाचंल के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के खिलाफ एक लंबी लडाई लडनी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि न केवल वाराणसी बल्कि पूर्वाचंल और यहां तक की बिहार से भी लोग यहां के अस्पतालों में इलाज के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि इस शहर में पिछले सात वर्ष में स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण काम हुआ है, जिससे महामारी के संकट के दौरान काफी सहायता मिली है।
श्री मोदी ने शहर में कोविड से निपटने के दौरान जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि के साथ संवाद की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों के निश्चित रूप से अच्छे नतीजे आएंगे और काशी के बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से देश कोविड के खिलाफ लडाई सफलतापूर्वक जीत लेगा।