प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री सेतु का उद्घाटन किया। मैत्री सेतु का निर्माण फेनी नदी पर किया गया है जो त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच बहती है। इस पुल का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड द्वारा 133 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। करीब दो किलोमीटर लंबा यह पुल भारत में सबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ से जोड़ता है। प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की भी शुरुआत की।
इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि मैत्री सेतु से न केवल बांस उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अगरतला में अनानास और अगरबत्ती के व्यवसाय को भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस पुल के उद्घाटन के साथ ही अगरतला एक अंतर्राष्ट्रीय समुद्री बंदरगाह का निकटतम भारतीय शहर बन जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ इस पुल की आधारशिला रखी थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पुल से दोनों देशों के बीच मैत्री सुदृढ हुई है और आर्थिक गतिविधियां भी मजबूत होंगी। उन्होंने कहा कि इससे बांग्लादेश के साथ सडक सम्पर्क मजबूत होगा, जिससे दोनों देशों के लोगों के बीच सम्पर्क बढेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा को विकास परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने 2009-2014 के बीच तीन हजार 500 करोड़ रुपये दिये थे, जबकि 2014 से 2019 के बीच 12 हजार करोड़ रुपये दिये गये। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के किसानों और गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल रहा है।
राज्य में लगभग 80 हजार परिवारों को पक्के घर उपलब्ध कराये गये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा उन छह राज्यों में से एक है, जहां घरों के निर्माण में नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में त्रिपुरा के बुनियादी ढांचे में लगातार सुधार हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि त्रिपुरा में बेहतर सम्पर्क सुविधा से न केवल नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि व्यापार को भी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि अगरतला आत्मनिर्भर भारत का महत्वपूर्ण केन्द्र बनने की क्षमता रखता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ब्रू शरणार्थियों के लिए छह अरब रूपये का एक विशेष पैकेज भी दिया है, जिससे उनके जीवन स्तर में काफी सुधार आएगा।