केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आश्वासन दिया है कि इजरायल-ईरान संघर्ष और अमेरिकी कार्रवाई के बावजूद भारत की तेल आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी। मंत्री ने बताया कि सरकार मध्य पूर्व की स्थिति पर निरंतर निगरानी रख रही है।
सोशल मीडिया पर पुरी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने अपनी तेल आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाई है। वर्तमान में हमारी आपूर्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा होर्मुज जलसंधि पर निर्भर नहीं है।” होर्मुज जलसंधि से प्रतिदिन लगभग 2 करोड़ बैरल कच्चा तेल गुजरता है, जो ईरान के निकट स्थित है।
पुरी ने स्पष्ट किया कि भारतीय तेल कंपनियों के पास पर्याप्त भंडार है और वे विविध मार्गों से आपूर्ति प्राप्त कर रही हैं। ईरान द्वारा होर्मुज जलसंधि को अवरुद्ध करने की धमकी से सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई से होने वाली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे वैश्विक तेल मूल्यों में वृद्धि संभावित है।
भारत अपनी 85% कच्चे तेल की आवश्यकताओं को आयात द्वारा पूरा करता है। अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में वृद्धि से आयात बिल बढ़ सकता है, जिससे मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
हालांकि, मंत्री ने आश्वस्त किया कि भारत ने रूस और अमेरिका जैसे वैकल्पिक स्रोतों से आयात बढ़ाकर और रणनीतिक भंडार विकसित कर आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित की है। देश में 257 मिलियन मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाली 23 आधुनिक रिफाइनरियां हैं।
मंत्रालय ने रणनीतिक भंडारण सुविधाएं भी स्थापित की हैं, जो आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान कर सकती हैं। इन उपायों से भारत भू-राजनीतिक संकट के दौरान भी ऊर्जा आपूर्ति की स्थिरता बनाए रखने में सक्षम है।