महाकुंभ का समापन प्रयागराज में 13 जनवरी से आरंभ हुआ था, जिसमें 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ब्लॉग में इस महाकुंभ पर विचार साझा किए, इसे “एकता का महायज्ञ” बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि इस महाकुंभ में 140 करोड़ देशवासियों की एकता और आस्था का अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जो भारत की सामाजिक चेतना का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने महाकुंभ को आधुनिक प्रबंधन के लिए अध्ययन के योग्य उदाहरण कहा और इस बात पर जोर दिया कि बिना किसी औपचारिक निमंत्रण के करोड़ों लोग संगम पहुंचे। उन्होंने युवाओं की भागीदारी को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय युवा अपने सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति सजग हैं। महाकुंभ में शामिल श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या ने एक नया मापदंड स्थापित किया।
पीएम मोदी ने महाकुंभ के आयोजन को भारत की राष्ट्रीय चेतना के विकास में योगदान देने वाली एक महत्वपूर्ण परंपरा माना। उन्होंने बताया कि यह महाकुंभ विकसित भारत के निर्माण की दिशा में एक प्रेरणा है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे एकता के इस महायज्ञ को आगे बढ़ाएं।
पीएम मोदी ने आयोजन में किसी भी कमी के लिए जनता से क्षमा भी मांगी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रयागराज के निवासियों ने इस महाकुंभ को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो कि उनकी सेवा भावना का परिचायक है।