यूआईडीएआई द्वारा मृतक व्यक्तियों के आधार कार्ड को निष्क्रिय करने की पहल

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने मृतक व्यक्तियों के आधार नंबरों को निष्क्रिय करने हेतु एक व्यापक पहल आरंभ की है। यह कदम पहचान के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है, क्योंकि आधार 12 अंकों का विशिष्ट पहचान संख्या है जो प्रत्येक भारतीय नागरिक को प्रदान की जाती है।

प्राधिकरण ने 9 जून 2025 को ‘माई आधार’ पोर्टल पर “परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना” नामक नवीन सेवा प्रारंभ की है। इस सुविधा के माध्यम से नागरिक अपने मृतक परिवार सदस्य के आधार को निष्क्रिय करवाने हेतु आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदक को अपनी पहचान प्रमाणित करने के साथ-साथ मृतक का आधार नंबर, मृत्यु प्रमाण पत्र एवं अन्य आवश्यक विवरण प्रस्तुत करने होंगे। वर्तमान में यह सेवा 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्रियाशील है, शेष राज्यों में भी इसे शीघ्र लागू किया जाएगा।

यूआईडीएआई ने भारत के महापंजीयक (आरजीआई) से सहयोग मांगा था, जिसके परिणामस्वरूप सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के माध्यम से लगभग 1.55 करोड़ मृत्यु अभिलेख प्राप्त हुए हैं। सत्यापन उपरांत, अब तक 1.17 करोड़ आधार नंबर निष्क्रिय किए जा चुके हैं। गैर-सीआरएस क्षेत्रों से प्राप्त 6.7 लाख अभिलेखों की प्रक्रिया जारी है।

प्राधिकरण ने 100 वर्ष से अधिक आयु के आधार धारकों के जीवित होने का सत्यापन करने हेतु एक प्रायोगिक परियोजना भी प्रारंभ की है। इस हेतु राज्य सरकारों के साथ जनसांख्यिकीय आंकड़े साझा किए जा रहे हैं।

यूआईडीएआई ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होने पर, मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करते ही ‘माई आधार’ पोर्टल पर सूचना अवश्य दें, जिससे संबंधित आधार नंबर समयबद्ध तरीके से निष्क्रिय किया जा सके।

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