राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आई.आई.टी. में विद्यार्थियों के बीच में पढाई छोडने की समस्या के समाधान पर जोर दिया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि भारत को ज्ञान महाशक्ति बनाने में केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों की बड़ी जिम्मेदारी है। राष्ट्रपति भवन में आज कुलाध्यक्ष सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आजकल जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी संस्थानों को ऐसे क्षेत्रों में पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2019 में केंद्र सरकार द्वारा दो साल के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि लगभग ढाई हजार विद्यार्थियों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इनमें से लगभग पचास प्रतिशत विद्यार्थी आरक्षित वर्गों से आए थे।

राष्ट्रपति मुर्मू ने ड्रॉप-आउट की समस्या पर बहुत संवेदनशीलता से विचार करने और समाधान खोजने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की आत्महत्या शिक्षा जगत के लिए चिंता का विषय है। राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं का नेतृत्व अधिक प्रभावी साबित हो सकता है। उन्होंने केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों को इस पहलू पर ध्यान देने का आग्रह किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर भी जोर दिया कि उच्च-शिक्षा संस्थानों में युवाओं के चरित्र निर्माण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति, समाज और देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। उच्च शिक्षा अधिकांश युवाओं के लिए विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकलने का सबसे प्रभावी तरीका है। राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों से आने वाले युवाओं को न्यायसंगत और समावेशी उच्च शिक्षा प्रदान करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति बनाना है।

 

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उच्च शिक्षण संस्थान वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे ज्ञान केंद्रों को ज्ञान अर्थव्यवस्था का केंद्र बनना चाहिए। भारत की राष्ट्रपति उच्च शिक्षा के 162 केंद्रीय संस्थानों की कुलाध्यक्ष हैं। सम्मेलन को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी संबोधित किया। इससे पहले राष्ट्रपति ने विजिटर अवार्ड्स 2021 प्रदान किए।

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