विश्व नेताओं ने तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की स्थिति पर गहरी चिंता और निराशा व्यक्त की है।
जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा है कि तालिबान से बचने के लिए पड़ोसी देशों में पलायन कर रहे अफगानी नागरिक यूरोप में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जर्मनी को अफगानिस्तान से लगभग दस हजार लोगों को निकालना है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनका देश मुसीबत में पड़े अफगानी लोगों को निकालने की व्यवस्था जारी रखेगा, लेकिन अफगानिस्तान की स्थिति बहुत ही खतरनाक है।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने कहा कि अफगानिस्तान को फिर से आतंकवादियों का पनाहगाह नहीं बनने देना चाहिए।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अफगानिस्तान की स्थिति को अत्यंत कठिन बताते हुए कहा कि पश्चिमी देशों को अफगानिस्तान को आतंकियों का पनाहगाह बनने से रोकने के लिए समन्वित प्रयास करना होगा।