आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने पर निगरानी रखने वाली वैश्विक संस्था -वित्तीय कार्रवाई कार्यबल-एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्टमें बनाए रखा है। वित्तीय कार्रवाई बल के ताजा फैसले का मतलब होगा कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष सहित वैश्विक संस्थाओं से निवेश और सहायता के रूप में वित्तीय सहयोग प्राप्त करने में दिक्कत होगी।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को धनशोधन और आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने की रोकथाम के लिये अनुशंसाओं की सूची सौंपी है।
कार्यबल ने इससे पहले पाकिस्तान से निर्धारित अनुशंसाओं को पूरा करने के प्रयास बढाने को कहा था। तीन वर्ष पहले जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा गया था। इसके बाद से वह लगातार इस सूची से निकलने का प्रयास कर रहा है।
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने रिपोर्ट दी है कि पाकिस्तान कार्यबल की कुल 40 सिफारिशों का पूरी तरह, 24 का काफी हद तक और सात अनुशंसाओं का आंशिक रूप से अनुपालन कर रहा है। जबकि दो अनुशंसाओं के अनुपालन के लिए उसने कुछ भी नहीं किया है।