सरकार ने कहा घर-घर जाकर कोविड से बचाव का टीका लगाना संभव नहीं

केंद्र सरकार ने कहा है की घर-घर जाकर कोविड से बचाव के टीके लगाना संभव नहीं है। बंबई उच्च न्यायालय में दायर हलफनामे में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि कोविड टीकाकरण के बारे में राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह देश में टीकाकरण अभियान के सभी पहलुओं पर मार्गदर्शन कर रहा है। घर-घर जाकर टीकाकरण संभव न हो पाने के पांच कारण हैं। हलफनामे में कहा गया है कि टीका लगाने के बाद कोई दुष्‍प्रभाव होने पर व्यक्ति को चिकित्सा सुविधा पहुंचाने में देरी हो सकती है और आवश्‍यकता अनुरूप उपचार नहीं दिया जा सकता। टीकाकरण के बाद लाभार्थी को कम से कम 30 मिनट तक चिकित्सा देखरेख में रखने में कई चुनौतियां आ सकती हैं।

केंद्र सरकार ने बताया कि प्रत्येक टीकाकरण के लिए टीके को निश्चित तापमान वाले डिब्बे से निकालने और रखने में उसके दूषित होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। इससे टीके की दक्षता पर असर पड़ सकता है और दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। लाभार्थियों तक पहुंचने का समय बढ़ने से टीके की बर्बादी में वृद्धि हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान के दौरान सुरक्षित दूरी और संक्रमण नियंत्रण के नियमों का पालन करना भी संभव नहीं हो पाएगा।

टीका लगाने के लिए आईसीयू की अनिवार्य रूप से आवश्यकता के बारे में न्यायालय के सवाल पर मंत्रालय ने कहा कि टीका लगाने के बाद उससे होने वाले दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलते हैं और आईसीयू में भर्ती करना करने की आवश्‍यकता नहीं पड़ती। इसलिए कोविड टीकाकरण के लिए आईसीयू की जरूरत नहीं है।

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