देश में चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाली ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने कहा है कि इसका पर्याप्त स्टाक उपलब्ध कराया जाएगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया है कि इस समय देश में ऑक्सीजन का भंडार 50 हजार मीट्रिक टन से अधिक है।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि देश की दैनिक ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता सात हजार मीट्रिक टन से अधिक है। इसमें बढ़ोतरी भी की गयी है। केन्द्र सरकार ने बढती मांग को ध्यान में रखते हुए राज्यों से कहा है कि वे चिकित्सा में काम आने वाली ऑक्सीजन का सही ढंग से उपयोग करें और बरबादी पर रोक लगाएं।
इस संबंध में अधिकार प्राप्त समूह ने भी चिकित्सा में काम आने वाली ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस्पात संयंत्रों के पास उपलब्ध अतिरिक्त ऑक्सीजन का उपयोग भी आवश्यकतानुसार किया जा रहा है। राज्यों से कहा गया है कि वे नियंत्रण कक्ष स्थापित करें ताकि जिलों को ऑक्सीजन की सुचारु रूप से आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
सरकार ने महामारी से ग्रस्त विभिन्न राज्यों को चिकित्सा में काम आने वाली ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किये हैं। आक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, इस्पात कारखानों के पास उपलब्ध अतिरिक्त ऑक्सीजन का उपयोग करने और राज्यों की ऑक्सीजन की आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए भी कदम उठाये गये हैं।
महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे ऑक्सीजन की अधिक आवश्यकता वाले राज्यों की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादकों, राज्यों और अन्य संबद्ध पक्षों के साथ मिलकर उनकी आवश्यकताओं का आकलन करने के कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है।