हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार रात से जारी अत्यधिक वर्षा ने गंभीर विनाशकारी स्थिति उत्पन्न कर दी है। करसोग और धर्मपुर उपमंडलों में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं से व्यापक क्षति हुई है, जबकि गोहर और सदर उपमंडलों में भूस्खलन और जलभराव की घटनाएं प्रचुर मात्रा में दर्ज की गई हैं।
करसोग में फ्लैश फ्लड के परिणामस्वरूप एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है। स्थानीय पुलिस अधिकारी डीएसपी तरनजीत सिंह के अनुसार, 25 से अधिक नागरिकों को सफलतापूर्वक बचाया गया है, तथा राहत एवं बचाव अभियान निरंतर जारी है। पुराना बाजार (पंजराट), कुट्टी, बरल, ममेल और भ्याल क्षेत्रों में अनेक वाहन बह गए हैं और आवासीय संरचनाओं को क्षति पहुंची है।
गोहर उपमंडल में एक आवास पूर्णतः नष्ट हो गया, जहां एक मां और उसकी पुत्री को बचाया गया, परंतु सात व्यक्ति अभी भी लापता हैं। धर्मपुर की मंडप तहसील के सुंदल गांव के निकट काफल भवानी माता मंदिर से आने वाला जलप्रवाह उफान पर आ गया है। लौंगनी पंचायत के सयाठी गांव में भूस्खलन से एक आवास और पशुशालाएं नष्ट हो गई हैं, जिसमें पशुधन के हताहत होने की सूचना है।
अत्यधिक वर्षा के कारण पंडोह जलाशय का जलस्तर तीव्रता से बढ़कर 2922 फीट पहुंच गया है, जबकि खतरे का स्तर 2941 फीट निर्धारित है। जलस्तर नियंत्रण हेतु जलाशय से ब्यास नदी में 1.5 लाख क्यूसेक से अधिक जल प्रवाहित किया जा रहा है, जिससे नदी उफान पर है और मंडी शहर के पंचवक्त्र मंदिर तक जल पहुंच गया है।
प्रशासन द्वारा सतर्कता जारी की गई है और नागरिकों से जलप्रवाहों से दूर रहने का आग्रह किया गया है। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पूर्णतः अवरुद्ध है तथा अनेक स्थानीय संपर्क मार्ग भी बाधित हैं। सुरक्षा उपायों के अंतर्गत समस्त शैक्षणिक संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, और राहत एवं बचाव दल सतर्कता पूर्वक कार्यरत हैं।