अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान – एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर चल रहे दावों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया है कि कच्चे भोजन के सेवन से ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइसिस होता है। इसे और स्पष्ट करते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ये अटकलें निराधार हैं। उन्होंने उन दावों को भी खारिज कर दिया जो बताते हैं कि म्यूकोर्मिकोसिस स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में रोगियों को दी जाने वाली चिकित्सा ऑक्सीजन की गुणवत्ता से जुड़ा हुआ है। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों में भी यह बीमारी देखी जा रही है, जिन्हें मेडिकल ऑक्सीजन नहीं दी गई है। ब्लैक फंगस के रोगियों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. गुलेरिया ने इसकी रोकथाम रणनीतियों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस पर नियंत्रण का सबसे अच्छा उपाय ब्लड शुगर पर नियंत्रण रखना, विशेष रूप से उन लोगों के द्वारा जो स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं। डॉ गुलेरिया ने कहा, स्टेरॉयड के अंधाधुंध उपयोग और इसकी उच्च खुराक के इस्तेमाल से म्यूकोर्मिकोसिस के बढ़ने का खतरा पैदा हो जाता है।