दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि ट्विटर को नये सूचना प्रॉद्योगिकी नियमों का पालन करना होगा, क्योंकि इन नियमों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने केंद्र सरकार और सोशल मीडिया माध्यम – ट्विटर को नोटिस जारी कर अदालत में दायर एक याचिका पर उनकी टिप्पणी मांगी है। यह याचिका एक वकील अमित आचार्य ने दायर की है जिसमें दावा किया गया है कि ट्विटर नियमों का पालन नहीं कर रहा है। हालांकि ट्विटर ने न्यायालय के सामने दावा किया कि वह सभी नियमों का पालन कर रहा है और उसने एक स्थानीय शिकायत अधिकारी भी नियुक्त किया है। केंद्र सरकार ने ट्विटर के इस दावे का खंडन किया है।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील रिपुदमन सिंह भारद्वाज ने न्यायालय को बताया कि ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया। सूचना प्रॉद्योगिकी के नये नियम 25 फरवरी से लागू हो गये हैं और केंद्र ने ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया माध्यमों को इन नियमों का पालन करने के लिए तीन महीने का समय दिया था। यह समय-सीमा 25 मई को समाप्त हो गई थी, लेकिन तब तक ट्विटर ने ट्वीट्स के बारे में शिकायतों से निपटने के लिए कोई स्थानीय शिकायत अधिकारी नियुक्त नहीं किया। याचिकारकर्ता ने न्यायालय से अनुरोध किया है कि ट्विटर को निर्देश दें कि तत्काल स्थानीय शिकायत अधिकारी नियुक्त करे और नये सूचना प्रॉद्योगिनी नियमों का पालन करे।